Na moh na maya na ichcha naa gam hai
ना मोह ना माया ना इच्छा ना गम है
बस यूँही आज शीतल और सुजला सा मन है
जग, जीवन और जिम्मा इक नायब सा क्रम है
कभी मुज पर कभी मेरे अपनो पर ये ढुलता एक भ्रम है
कहता ये मन है की यही तो जीवन है
सवालों से गुजरता एक नन्हा सा मन है
मंजिलो से ज्यादा हम रास्ते में मगन है
ना मोह ना माया ना इच्छा ना गम है
बस यूँही आज सहज और सुजला सा मन है
बस यूँही आज शीतल और सुजला सा मन है
जग, जीवन और जिम्मा इक नायब सा क्रम है
कभी मुज पर कभी मेरे अपनो पर ये ढुलता एक भ्रम है
कहता ये मन है की यही तो जीवन है
सवालों से गुजरता एक नन्हा सा मन है
मंजिलो से ज्यादा हम रास्ते में मगन है
ना मोह ना माया ना इच्छा ना गम है
बस यूँही आज सहज और सुजला सा मन है
👍👍👌👌
ReplyDeleteThank you so much :)
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